बच्चों की पढ़ाई में निवेश के आसान तरीके
बच्चों को सही परवरिश देना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। जैसे ही आपका बच्चा इस दुनिया में कदम रखता है आपका रूटीन भी बच्चे की ज़रूरतों के हिसाब से ढ़ल जाता है। अपने बच्चे के लिए आप योग्य माँ- बाप की तरह अपनी क्षमता के अनुसार अपने कर्तव्य का पालन सही ढ़ंग से करना चाहते हैं। आपका सबसे बड़ा कर्तव्य है अपने बच्चे को सही शिक्षा दिलाना।
उच्च मुद्रास्फीति होने से पढ़ाई आजकल काफी महंगी हो चुकी है। इस परिस्थिति में, आप बस इतना सोचते हैं कि आपने इतनी सेविंग की हो जिससे आपके बच्चे की पढ़ाई का खर्चा आसानी से निकल जाए। अगर अभी आप बच्चे के बारे में सोच ही रहे हैं तो आपके पास काफी समय है कि आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करें।
अगर आप सबसे अच्छा देना चाहते हैं तो आपको उसके लिए सही प्लानिंग करनी होगी, और यहाँ पर सबसे सही तरीका है बच्चे की पढ़ाई के लिए निवेश करना। एक चाइल्ड प्लान लेने से आपको सारे विकल्पों का पता लगाने में मदद मिलेगी और उसके बाद आप अपने बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं।
यहाँ पर कुछ स्टेप्स के बारे में बताया गया है जिससे आप अपने बच्चे के लिए स्थिर शिक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
अपनी वर्तमान स्थिति का जायज़ा लेना
यह काफी ज़रूरी है कि आपको इस बात का ज्ञान हो कि कौन सा रास्ता अपनाने से आपको सबसे ज़्यादा फायदा होगा। इससे आपके दिमाग में आपका लक्ष्य तय होगा और आप रास्ते में आने वाली साड़ी रुकावटों का भी निवारण सोचेंगे। इस बात की जानकारी होना भी ज़रूरी है कि आपके पास वर्तमान में अपने बच्चे की पढ़ाई में निवेश के लिए कितनी राशि है और क्या यह आपके बच्चे की पढ़ाई को लेकर आपके सपने को पूरा कर पाएगी?
आपको खुद से कुछ कठिन सवाल पूछने होंगे- क्या आप अपने बच्चे को किसी एक्स लेवल के स्कूल में पढ़ाने के लिए तैयार हैं? क्या मेरा बच्चा विदेश में पढ़ना चाहेगा? अगर हाँ, तो क्या मैं यह खर्चा उठा पाउँगा? अपनी आय को लेकर खुद से सामना करने से ही कुछ हल निकलेगा। जितनी जल्दी आप पढ़ाई-लिखाई के बारे में विचार करना शुरू करेंगे, यह प्रक्रिया उतनी ही सुचारू होती नज़र आएगी।
जल्द से जल्द शुरुआत करें
शिक्षा एक दीर्घकालीन लक्ष्य है। इसके लिए पैसे बचाना जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए। आजकल किसी भी स्तर की शिक्षा काफी महंगी हो गयी है। अगर आपका बच्चा 18 साल की उम्र में कॉलेज शुरू करता है तो आपके पास पढ़ाई के लिए बचत करने के लिए दो दशक से भी ज़्यादा समय होता हैं ताकि आपको बाद में समझौता करने की ज़रुरत ना पड़े। हर महीने कुछ पैसों की बचत, सही जगह पर निवेश करने से आप अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकेंगे।
मुद्रास्फीति बिल्कुल वास्तविक है
मुद्रास्फीति जितनी ज़्यादा होगी, शिक्षा उतनी ही महंगी होगी। जब लोग भविष्य के लिए निवेश के बारे में सोचते हैं तो वह कई बार मुद्रास्फीति को नज़रंदाज़ कर देते हैं। इस गलती से बचने के लिए आपको काफी शोध करना चाहिए ताकि आप यह जान पाएं कि मुद्रास्फीति आपके बच्चे को अच्छी पढ़ाई देने के आपके सपने पर कितना असर डालेगी।
2008 में भारत में जिस बिज़नेस कोर्स की लागत 8 लाख रूपये थी वह अब 20 लाख से ऊपर चली गयी है- जिससे बढ़ी हुई लागत औसतन 13 प्रतिशत से ज़्यादा हो गयी है। इस कोर्स की लागत इस आधार पर 70 लाख से भी ज्यादा हो सकती है। भारत में चाइल्ड प्लान बनाते वक़्त और शिक्षा की लागत को आंकते वक़्त, पैसे की कीमत के घटने और बढ़ने की गणना करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
अपने आरओआई पर नियंत्रण रखें
आपके बच्चे की पढ़ाई ज़्यादा समय तक चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें आपको लम्बे समय के लिए निवेश करना होगा। इसलिए योजना बनाते वक़्त आपको यह सलाह है कि आप उन जगहों पर निवेश करें जहाँ रिस्क कम हो और जहाँ पर लम्बे समय तक उच्च वापसी मिले। ऐसे उच्च वापसी मिलने वाले प्लान में निवेश करना चाहिए जिनपर बाज़ार में आ रहे उतार चढ़ाव का असर नहीं पड़े और जो ज़्यादा से ज़्यादा लाभ भी दें। एक सामान्य रिस्क प्लान में निवेश करना ज़्यादा अच्छा है एक ज़्यादा रिस्क प्लान की तुलना में जहाँ पर कम फायदा हो।
जब आप चाइल्ड प्लान में निवेश करते हैं तो आपको कई कारणों का पता चलता है जो आपके बच्चे की पढ़ाई पर असर डाल सकता है।
बूँद बूँद से ही घरा भरता है
एक बार में ज्यादा पैसों का इंतजाम कर पाना किसी के लिए भी मुशिलें पैदा कर सकता है पर अगर आपने सही समय पर सही जगह निवेश किया होता है तो इससे काफी मदद मिल जाती है। इस प्रक्रिया में आपको अपनी सैलरी बढ़ने पर सेविंग के प्रतिशत को भी बढ़ाना होता है। उदहारण के तौर पर अगर आप अभी 50,000 रूपये कमाते हैं और 10,000 रूपये जमा करते हैं तो अगर अगली जॉब में आपकी 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है, तो आपकी सेविंग भी उसी हिसाब से बढ़नी चाहिए। इन छोटी चीज़ों का ध्यान रखने से आपको काफी मदद मिलेगी।
हर माता पिता के लिए प्राथमिकता होती है अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवा पाना। शिक्षा एक लंबा चलने वाला विषय है, क्यूंकि यह ऐसा निवेश है जिससे आपके बच्चे के भविष्य का निर्माण होता है। भविष्य में बच्चों की शिक्षा पर काफी खर्च होते हैं, पर अगर आपने सही ढ़ंग से योजना नहीं बनायी है तो यह खर्च और भी ज़्यादा भारी पड़ सकता है।
“शिक्षा समर्पित शिक्षकों, प्रेरित क्षात्रों और इन सबसे ज्यादा, अधिक उम्मीदों वाले उत्साही अभिवावकों के बीच की साझा प्रतिबद्धता है।“ –बॉब बीयूप्रेज़
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